चार दिन की सजा के साथ उन पर जुर्माना भी लगाया गया था। आदेश पारित करते हुए अदालत ने कहा कि दिनेश अनुमति की सीमा से 22 गुना अधिक शराब पीकर वाहन चला रहा था और उनके वाहन का बीमा भी नहीं था। अदालत ने कहा कि नशे में वाहन चलाना एक समस्या बन गई है जो पीड़ित और उनके परिजनों को घायल, विकलांग कर सकती है
और इसका घातक असर होता है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने कहा कि नशे में वाहन चलाना भारत में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण है। पुलिस के अनुसार, 24 जुलाई 2015 को दिनेश शराब के नशे में नजफगढ़ रोड पर दुपहिया वाहन चला रहा था। (भाषा)