राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य शफीक ने कहा, 'देश पहले ही महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने की चिंताओं से घिरा हुआ है। सरकार को असल में अपराधियों पर इस तरह नरमी दिखाने के बजाय सख्त सजा दिए जाने के बारे में सोचना चाहिए ताकि समाज में एक मजबूत संदेश जा सके, खासकर ऐसे गंभीर अपराध के मामलों में। यह असल में सोचने को मजबूर करता है कि क्या वाकई में सरकार बेटी बचाओ को लेकर गंभीर है अथवा यह सिर्फ एक नारा है।' (भाषा)