सुनवाई के दौरान आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता महमूद प्राचा ने अदालत को बताया कि भले ही उनके मुवक्किल का जेल में इलाज चल रहा है, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल रही है और उन्हें गंभीर संक्रमण होने का खतरा है।
उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि आरोपी को दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल को छोड़कर किसी भी सरकारी अस्पताल में सर्जरी कराने की अनुमति दी जाए। वकील ने कहा कि आरोपी हाइड्रोसिल से पीड़ित है, जो अंडकोश में सूजन का एक प्रकार है।
विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि अहमद के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और उन्हें जेल में ही आवश्यक चिकित्सा दी जा सकती है। इसके अलावा, जेल अधीक्षक ने एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जिसमें कहा गया कि कैदी की तबीयत स्थिर और संतोषजनक है और 11 जून को एक डॉक्टर द्वारा अंडकोश के इलाज और दवाओं की सलाह दी गई थी, जो जेल डिस्पेंसरी द्वारा प्रदान की जा रही हैं। (भाषा)