बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में इन मुद्दों पर दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच चर्चा हुई है। 2 राज्यों के बीच मुख्य रूप से जो मामले अब भी लंबित हैं, उनमें हरिद्वार, उधमसिंह नगर और चंपावत में 379 हैक्टेयर भूमि को उत्तराखंड को हस्तांतरित न हो सकना, हरिद्वार, उधमसिंह नगर व चंपावत में 351 आवासीय भवन यूपी से उत्तराखंड को अभी तक हस्तांतरित न हो सकना, कुंभ मेले की 687.575 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई विभाग उत्तराखंड को हस्तांतरित न किया जा सकना जैसे मामले भी हैं। इसके अलावा उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की सशर्त मंजूरी भी यूपी से मिलनी शेष है।
उत्तराखंड गठन के बाद से 50 करोड़ मोटर यान कर उत्तराखंड परिवहन निगम को दिया जाना था। इसमें से 36 करोड़ अब भी बकाया हैं। अजमेरी गेट स्थित अतिथिगृह नई दिल्ली, यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित मुख्यालय, कार सेक्शन और कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला व ट्रेनिंग सेंटर के विभाजन का निर्णय होना है।