चिकित्सा जगत में इस उल्लेखनीय योगदान के कारण स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. भक्ति को "पद्मश्री" सम्मान के लिए चुना गया था। हालांकि, अपनी अधिक उम्र और शारीरिक कमजोरी की वजह से वह दिल्ली में 13 अप्रैल को आयोजित समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से यह सम्मान ग्रहण करने नहीं जा सकी थीं। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने 20 अप्रैल को उनके इंदौर स्थित घर पहुंचकर देश के इस चौथे सबसे बड़े नागरिक अलंकरण के तहत उन्हें पदक और प्रशस्ति पत्र सौंपा था।