दरअसल, जिस समय डॉक्टर झगड़ रहे थे, उस समय एक गर्भवती महिला ऑपरेशन टेबल पर थी। किसी बात को लेकर इन डॉक्टरों में झगड़ा शुरू हो गया। इन तथाकथित 'धरती के भगवानों' ने उस गर्भवती और उसके गर्भ में मौजूद बच्चे की चिंता छोड़कर गुंडों की तरह लड़ना शुरू कर दिया।
ये थे इन संभ्रांत डॉक्टरों के शब्द : जैसे ही इन डॉक्टरों के बीच तू तू मैं मैं शुरू हुई, इन्होंने कुछ इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया- ज्यादा हेकड़ी मत दिखा, तेरी नस नस को जानता हूं, तमीज में रह, तेरी औकात नहीं, लेने के देने पड़ जाएंगे'। इस तरह के शब्द तो गुंडों के ही हो सकते हैं। इस झगड़े का परिणाम यह रहा कि डॉक्टरों की इस लड़ाई में महिला के गर्भ में पल रहे मासूम की मौत हो गई।