मुंबई। महाराष्ट्र के 13 जिलों की करीब 170 तहसीलों में इस साल कम बारिश होने से बांधों में जलस्तर में खासी कमी आई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राज्य सरकार ने समस्या को देखते हुए पेयजल की आपूर्ति के लिए टैंकर भेजने शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही यह आकलन किया जा रहा है कि क्या स्थिति को सूखा कहा जा सकता है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (राहत और पुनर्वास) मेधा गाडगिल ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में सूखे की घोषणा 3 चरणों की प्रक्रिया के बाद की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 13 जिलों की 170 तहसीलों की पहचान की है, जहां कम बारिश हुई है, जहां पहला चरण शुरू किया गया है। इस चरण में यह पहचान की जाती है कि किसी स्थान को सूखा घोषित किया जाए या नहीं? सरकार ने स्पष्ट किया है कि पहले चरण की घोषणा का अर्थ यह नहीं है कि इन स्थानों को सूखे का सामना करना पड़ रहा है।
गाडगिल ने कहा कि राज्य सरकार मिट्टी नमी सूचकांक, सामान्य वनस्पति सूचकांक और जल सूचकांक के संबंध में राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र से विस्तृत रिपोर्ट की उम्मीद कर रही है। इसके आधार पर दूसरा चरण शुरू किया जाएगा।