मोहम्मद अयूब पंडित की हत्या करने के मामले में नॉर्थ श्रीनगर के एसपी को हटाया

शनिवार, 24 जून 2017 (10:40 IST)
file photo
कश्मीर के श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में गुरुवार को शबे कद्र के मौके पर तैनात डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए श्रीनगर उत्तरी क्षेत्र के एसपी सजाद खालिक भट्ट को हटा दिया गया है।
 
दरअसल, शहीद अयूब पंडित जामा मस्जिद के बाहर सुरक्षा में लगे थे ताकि नमाज पढ़ने आए लोगों को दिक्कत न हो, लेकिन यहां पर मौजूद कुछ लोगों की भीड़ ने उन्हें बुरी तरह पीट-पीटकर मार डाला।
 
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नौहट्टा में रात करीब साढ़े बारह बजे कुछ लोगों ने जामा मस्जिद के नजदीक एक व्यक्ति को संदिग्ध हालात में देखा। वह मस्जिद से बाहर आ रहे लोगों की कथित तौर पर तस्वीरें ले रहा था। उन्होंने बताया कि लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो उसने अपनी पिस्तौल से कथित तौर पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया, जिससे तीन लोग घायल हो गए।
 
इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पत्थरों से खूब पीटा और और उसे अधमरी हालात में करीब के एक थाने में फेंक दिया। इसके बाद जब जांच की गई तो पता चला की यह डीएसपी रैंक के अधिकारी मोहम्मद अयूब पंडित हैं। अयूब पंडित उस वक्त इलाके में ड्यूटी पर तैनात थे। इलाके में कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए अयूब की वहां तैनाती की गई थी।
 
पहचान होने से पहले लोगों का दावा था कि ये शख्स किसी खुफिया एजेंसी का एजेंट था। कोई घटना न हो इसके लिए लोगों ने इसे पकड़ लिया। मामला तब बिगड़ गया जब अयूब पंडित ने अपनी पिस्टल निकाल कर हवा में फायरिंग कर दी और तीन लोग जख्मी हो गए। इसके बाद भीड़ ने पकड़कर उन्हें पीट दिया और उनकी मौत हो गई।
 
घटना के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया। इतना ही नहीं मीडियकर्मियों को भी यहां से हटा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि हत्यारों की जल्द ही पहचान करके उन्हें सजा दी जाएगी।
 
डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित को श्रद्धांजलि देने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी पहुंची और उन्होंने कहा, ‘जो लोगों को हिफाजत के लिए फर्ज निभा रहा है उसे मार देने से शर्मनाक वाकया कुछ हो ही नहीं सकता।’
 
प्रदेश के एसपी वैद्य ने हत्या को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि डीएसपी को मस्जिद के पास इसलिए तैनात किया गया था ताकि वह असामाजिक तत्वों को माहौल खराब न करने दें और लोग शांतिपूर्वक नमाज पढ़ सकें। लेकिन वह जिनकी सुरक्षा के लिए तैनात थे, उनमें से कुछ ने उनकी जान ले ली। यह अत्यंत दुखद है।
 
डीजीपी का कहना है कि इसमें निश्चित तौर पर हुर्रियत नेता मीरवायज उमर फारूक के लोग शामिल रहे होंगे। आरोप लग रहा है कि मीरवाइज की भड़काऊ तकरीरों की वजह से कुछ समर्थक हिंसा पर उतारू थे और उसी गुट ने डीएसपी पर हमला कर दिया। हुर्रियत नेता मीरवाइज देश विरोधी बयानों के लिए जाने जाते हैं।
 
डीएसपी की हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस गुस्से में है। हत्या के दो आरोपियों को पकड़ भी लिया गया। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है, लेकिन जिस पहली बार हुआ जम्मू और कश्मीर में एक पुलिसवाले की लोगों ने ही हत्या कर दी वो दिखाता है कि हालात किस हद तक बिगड़े हैं।

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