परमेश्वर ने कहा कि बेंगलुरु शहर पूरी तरह 'सेफ' है और ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है, इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं। हमने 25 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा लगाए हैं और उसकी जांच होगी। बेंगलुरु सुरक्षित है, ऐसी घटना हुई इसका मतलब यह नहीं है कि यह शहर सेफ नहीं है। हमारे अधिकारी दोषियों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी घटना दोबारा न हो, इसकी पूरी कोशिश की जा रही है। नए साल और क्रिसमस पर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। हम काफी अहतियात बरतते हैं।'
गौरतलब है कि महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर होने की साख रखने वाले बेंगलुरू के रहने वाले लोग उस समय सकते में आ गए, जब 31 दिसंबर को 'बैंगलौर मिरर' समाचारपत्र के फोटो जर्नलिस्ट ने आरोप लगाया कि नए साल के जश्न के दौरान उन्होंने कई परेशानहाल महिलाओं को महिला पुलिसकर्मियों के पास पहुंचते और यह शिकायत करते देखा कि कुछ गुंडों ने उन्हें छेड़ा और उन पर भद्दी फब्तियां कसीं।
समाचारपत्र में प्रकाशित तस्वीरों में महिलाओं को पुलिसकर्मियों से गुहार करते देखा जा सकता है। प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, युवतियों को मदद के लिए पुलिस की ओर भागते देखा गया, जिनमें से कुछ ने तो अपने जूते (सैंडलें) हाथों में उठा रखे थे, ताकि वे अपने हमलावरों से बचकर तेजी से भाग सकें।
रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ महिलाएं रो भी रही थीं। बेंगलुरू पुलिस ने बताया है कि अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है, लेकिन वे इस बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं कि उस रात क्या-क्या हुआ था। (भाषा)