CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष का नाम उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के संबंध में दर्ज किया था। एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) धारा 420 (धोखाधड़ी) के साथ पठित और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 7 लगाई है, जो एक लोक सेवक द्वारा अवैध रूप से रिश्वत स्वीकार करने से संबंधित है।
घोष ने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक प्राचार्य के रूप में कार्य किया। अक्टूबर 2023 में कुछ समय के लिए आरजी कर से उनका तबादला कर दिया गया था, लेकिन एक महीने के भीतर वह वापस आ गये। उन्हें 9 अगस्त को अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के बाद आरजी कर एमसीएच से हटा दिया गया था।