उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने सोरेन (48) से कहा है कि वे इस मामले में जांच अधिकारी को अपनी सुविधानुसार तारीख, स्थान आदि के बारे में सूचित करें ताकि मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने उच्चतम न्यायालय और फिर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर ईडी की कार्रवाई से सुरक्षा मांगी थी। उन्होंने समन को अनुचित बताया था। हालांकि दोनों अदालतों ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। सोरेन ने उच्च न्यायालय में दावा किया था कि समन दुर्भावना से प्रेरित हैं और झारखंड में राजनीतिक अनिश्चितता तथा अशांति पैदा करने के उद्देश्य से उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।
ईडी के अनुसार, यह जांच झारखंड में माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध तरीके से बदलाव से संबंधित है। एजेंसी ने इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें 2011 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं। रंजन पूर्व में राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे।(भाषा)