हालांकि तलहरा तालुका अंतर्गत गांव में रहने वाले 540 लोग पुर्नवास के समय से ही बिजली से वंचित थे। निवासियों को अपने मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए भी पड़ोसी गांव के लोगों पर निर्भर रहना पड़ता था। उनके घरों का अंधकार 22 जुलाई को समाप्त हुआ, जब नवी तलाई में पहली बार बिजली पहुंची।
नवी तलाई गांव के निवासियों के लिए यह अवसर समय से पहले आई दिवाली की तरह था। उन्होंने इसका स्वागत दीये जलाकर और बच्चों ने केक काटकर किया। गांव में बिजली पहुंचाने के लिए जमीनी कार्य सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल कोल्हे और विधान परिषद सदस्य अमोल मितकारी ने किया। मितकारी द्वारा गांव को गोद लिया गया है और उन्होंने कहा कि नवी तलाई अब राज्य में विकास के एक उदाहरण के तौर पर उभरेगा। (भाषा)