जिला परिषद का चुनाव लड़ चुकी निर्दलीय उम्मीदवार आशा अरुण जोरे ने इस बाबत आपत्ति उस वक्त जताई थी, जब पाया गया कि उनके चुनाव चिह्न का बटन दबाने के बावजूद भाजपा के पक्ष में वोट पड़ रहे हैं। मशीन की तकनीकी जांच के बाद राज्य सरकार को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में जिला कलेक्टोरेट के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि वोटर एक बटन दबा रहे थे, लेकिन वोट भाजपा के पक्ष में जा रहे थे।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बताया कि जब एक वोटर ने जोरे को आवंटित नारियल चुनाव चिह्न वाले बटन को दबाया तो भाजपा के चुनाव चिह्न कमल की एलईडी बत्ती जलने लगी। निर्वाचन अधिकारी (आरओ) ने जिला कलेक्टर को भेजी गई अपनी जांच रिपोर्ट में यह सूचना दी और आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल पर मिले जवाब में यह जानकारी दी गई।
गलगली ने कहा कि बुलढाणा कलेक्टोरेट के चुनाव विभाग ने एक लिखित जवाब में बताया कि लोनार कस्बे के सुल्तानपुर में मतदान केंद्र संख्या 56 में जब वोटर ने निर्दलीय उम्मीदवार संख्या 1 के नारियल चुनाव चिह्न वाला बटन दबाया, तो भाजपा उम्मीदवार के संख्या 4 के चुनाव चिह्न नारियल के सामने वाली एलईडी बत्ती जल उठी जिससे पता चला कि वोट भाजपा को गया है।
बहरहाल, कई पार्टियों की ओर से फिर से मतदान की मांग किए जाने के बाद इसी सीट के लिए 21 फरवरी को दोबारा मतदान कराया गया। गलगली ने कहा कि यह मामला साबित करता है कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है। एक वोटर ने इस मामले को सामने लाने का काम किया, कई वोटरों ने इसकी पुष्टि की, निर्वाचन अधिकारी और अन्य अधिकारियों ने भी इसकी फिर से पुष्टि की और कलेक्टर को अपनी रिपोर्ट भेजी। (भाषा)