मंत्री मलैया ने बताया कि पंजीयन विभाग से हर साल लगभग 19 सौ करोड़ रुपए का कर राज्य शासन को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि शहरों में मकान और फ्लैट तथा गांवों में प्लॉट की बिक्री कम हो रही है। पंजीयन विभाग की नई गाइड लाइन तैयार करते समय अधिकारियों के सुझावों को महत्व दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ई-रजिस्ट्री में अंगूठा निशान, हस्ताक्षर और फोटो अनिवार्य है। (एजेंसियां)