राजस्थान के सांसदों ने की किसानों को मुआवजे की मांग

सोमवार, 16 मार्च 2015 (21:56 IST)
-अनुपमा जैन
 
नई दिल्ली। राजस्थान के सांसदों ने राजस्थान में असमय हुई वर्षा एवं सघन ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों के तबाह होने से हुए भारी नुकसान के लिए सभी प्रभावित किसानों को नियमों में संशोधन कर मुआवजा दिलवाने की गुहार की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम सोमवार को प्रेषित एक ज्ञापन और केन्द्रीय मंत्रीद्वय वित्तमंत्री अरुण जेटली और कृषिमंत्री राधा मोहन सिंह से भेंट कर सांसदों ने किसानों की ये तमाम तकलीफें बताईं। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्राकृतिक आपदा से प्रदेश में इससे पूर्व इतने व्यापक स्तर पर फसलों की बरबादी पहले कभी नहीं हुई|
 
भेंट के पश्चात सांसद ओम बिरला ने बताया कि केन्द्रीय कृषिमंत्री ने सांसदों को केन्द्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्‍वासन दिया। ज्ञापन में सांसदों ने बताया कि राजस्थान के 26 जिलों में असमय हुई ओलावृष्टि एवं वर्षा के कारण कृषकों की पक कर कटाई के लिए तैयार खड़ी गेहूं, सरसों, मैथी, धनिया, जीरा, ईसबगोल, लहसन, तारामीरा, सौंफ, अफीम इत्यादि सभी रबी की फसलें तबाह हो गईं। सांसदों ने कहा कि राजस्थान सहित पूरे देश में इस प्राकृतिक आपदा से हजारों किसान संकट में पड़ गए हैं और विपदा की इस घड़ी में सरकारी मदद से ही उन्हें संबल मिल सकता है।
 
सांसदों ने कहा कि इस घोर प्राकृतिक विपदा के समय किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड के ऋण एवं अन्य सरकारी ऋण माफ किए जाएं। साथ ही रबी की फसल की इस अवधि के बिजली के बिल भी माफ किए जाए और बिजली कंपनियों की राशि का पुनर्भरण भारत सरकार द्वारा किया जाना चाहिए।
 
सांसदों ने मांग की कि लघु एवं सीमांत कृषकों के अतिरिक्त अन्य सभी किसानों को भी एनडीआरएफ नियमों के तहत तत्काल सहायता राशि प्रदान की जाए। सांसदों ने सुझाव दिया कि एनडीआरएफ नियमों की पुनर्समीक्षा करने की आवश्यकता है और लघु और सीमांत कृषकों के अतिरिक्त किसानों को भी एनडीआरएफ के नियमों के तहत उतनी ही मुआवजा राशि प्रदान की जानी चाहिए। सांसदों ने बताया कि एनडीआरएफ के नियमों के तहत दी जाने वाली राहत राशि काफी कम है, जबकि किसानों की फसल लागत बहुत अधिक है। इसलिए किसानों को उनकी लागत राशि जितनी राशि आपदा राहत में दी जानी चाहिए।
 
केन्द्रीय कृषिमंत्री राधा मोहन सिंह से भेंट करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में सांसद दुष्यंत सिंह, भूपेन्द्र यादव, ओम बिरला, राम चरण बोहरा, मनोज राजोरिया, अर्जुन राम मेघवाल, कर्नल सोना राम, बहादुर सिंह कोली, अर्जुन लाल मीणा, सीआर चौधरी, महंत चांदनाथ, चन्द्रप्रकाश जोशी, गजेन्द्र सिंह शेखावत, हरिओम सिंह राठौड़, हरीशचंद्र मीना, पीपी चौधरी, सुखवीर सिंह जौनपुरिया, स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती, श्रीमती संतोष अहलावत, सुभाष बहेड़िया, मानशंकर निनामा, देवजी पटेल, राहुल कस्वां, नारायण लाल पंचारिया, रामनारायण डूडी, विजय गोयल और वीपी सिंह आदि सांसदगण शामिल थे। (वीएनआई)

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