Farooq Abdullah on Jammu Kashmir Assembly Elections: नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के प्रमुख नेता फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह 18 सितंबर से तीन चरणों में होने वाले जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। फारूक ने कहा कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होने तक चुनाव न लड़ने का फैसला किया है।
वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। निर्वाचन आयोग के समय से पहले चुनाव कराने के फैसले का स्वागत करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इस निर्णय के लिए ईश्वर का धन्यवाद करता हूं। पहले यह अटकलें थीं कि 20 से 25 तारीख के बीच चुनाव कराए जा सकते हैं, इसलिए मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ा दिया गया। ALSO READ: जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव, काउंटिंग 4 अक्टूबर को
90 सीटें 3 चरण : जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीट पर तीन चरण 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को चुनाव कराए जाएंगे। वहीं, चार जून को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख अब्दुल्ला ने चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में केंद्रीय शासन के अंत होने की उम्मीद जताई। खुद के चुनाव लड़ने से जुड़े सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा- कोई शक, मैं विधानसभा चुनाव जरूर लड़ूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब पता लगेगा कि चुनाव के लिए कौन तैयार था और कौन नहीं। ALSO READ: जम्मू-कश्मीर में कब होंगे चुनाव, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने किया खुलासा
फारूक ने इस बात पर जोर देते हुए कि नेशनल कॉन्फ्रेंस विधानसभा चुनावों के लिए हमेशा तैयार है, कहा कि हम लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयार थे और हमने अनुरोध किया था कि विधानसभा चुनाव भी उसी समय कराए जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में मतदान होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि लोग बड़ी संख्या में चुनाव में हिस्सा लेने के लिए निकलेंगे। ALSO READ: जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के बीच विधानसभा चुनाव कितनी बड़ी चुनौती ?
निष्पक्ष चुनाव की मांग : फारूक अब्दुल्ला ने क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने का आह्वान किया और आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को अनुपातहीन लाभ प्राप्त है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भाजपा केंद्र में सत्ता में है और अन्य पार्टियों की तुलना में उसे सभी प्रकार की सुरक्षा प्राप्त है। निर्वाचन आयोग को निष्पक्षता सुनिश्चित करनी चाहिए।
यह पूछे जाने पर की क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस बिना गठबंधन के चुनाव लड़ेगी, उन्होंने कहा कि फिलहाल हमने ऐसा निर्णय लिया है। हालांकि, अंतिम निर्णय लेने से पहले हम इस बारे में पार्टी सदस्यों के साथ गहन चर्चा करेंगे। उन्होंने नागरिकों से आगामी पंचायत, नगरीय क्षेत्र और नगर पालिका चुनाव के लिए भी तैयार रहने का आग्रह किया। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के विवादास्पद मुद्दे पर फारूक ने कहा कि मुझे इस पर दुख और शर्म महसूस हो रही है।
देर आए दुरुस्त आए : वहीं, नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया और इसे देर आए दुरुस्त आए वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1987-88 के चुनावों के बाद शायद यह पहली बार है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव इतने कम समय में और कुछ ही चरणों में हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक दलों के लिए निश्चित रूप से एक नया प्रयोग होगा, लेकिन जहां तक हमारी पार्टी का सवाल है, नेशनल कॉन्फ्रेंस इस दिन के लिए तैयार थी और जल्द ही चुनाव प्रचार शुरू करेगी। उन्होंने कहा- हमें शक है कि यह सरकार भाजपा और उसकी बी, सी और डी टीमों की मदद कर रही है। (एजेंसी/वेबदुनिया)