चुनाव आयोग ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के 38 मतदान केंद्रों पर 13 अप्रैल को पुनर्मतदान का आदेश दिया था। लोकसभा सदस्य के तौर पर अब्दुल्ला का यह तीसरा कार्यकाल होगा जिनकी जीत को सत्ताधारी पीडीपी के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले वह 1980 और 2009 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।