देवबंद क्षेत्र के गांव इमलिया निवासी मुदस्सिर सिद्दीकी ने दारूल उलूम से लिखित सवाल किया था कि शादी के मौके पर दूल्हे की सलामी के लिए दुल्हन के घर जाना, दुल्हन के पहली बार ससुराल जाने पर उसकी मुंह दिखाई की रस्म, तोहफे दिए जाने, दुल्हन की खीर चटाई और दूल्हे की जूता चुराई के लिए शरीयत में क्या हुक्म है।
उन्होंने कहा कि दूल्हे की रस्म सलामी पर पहली बार ससुराल जाने के दौरान नामहरम औरतें उसके सामने आती हैं जिनसे हंसी-मजाक भी होती है। कई जगहों पर जूता चुराई की रस्म निभाई जाती है, लेकिन ये सभी रस्में इस्लाम के खिलाफ हैं। इस तरह की रस्मों से दूरी बनाई जानी चाहिए। (भाषा)