एनजीओ ‘लायर्स कलेक्टिव’ और ‘स्पीक आउट ऑन एफजीएम’ द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय दंड संहिता और बाल यौन उत्पीडन रोकथाम कानून जैसे वर्तमान कानून एफजीएम से निपट तो सकते हैं लेकिन एफजीएम की परिभाषा को इनमें शामिल करने की जरूरत है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि यह कृत्य करवाने वाले माता-पिता या इसे उकसाने वालों को दंड दिया जाना चाहिए। (भाषा)