याचिका में कहा गया कि वह उस वक्त आश्चर्यचकित रह गई, जब चिकित्सकों ने उसे बताया कि वह गर्भवती नहीं है और उसके पेट में एक छोटा ट्यूमर है। इसके बाद शिकायतकर्ता एक निजी स्कैन केंद्र में गई, जहां इस बात की पुष्टि हुई कि उसके गर्भाशय में एक छोटा एवं तंतुमय पदार्थ बन रहा है और वह गर्भवती नहीं है।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि चिकित्सा रिपोर्ट सहित उसके सभी दस्तावेज उस पुस्तिका से हटा दिए गए हैं, जहां उसकी नियमित जांच के बारे में लिखा जाता था। महिला ने कहा कि चिकित्सकों ने उसे गलत तरीके से गर्भवती करार दिया और अनावश्यक रूप से गर्भावस्था की दवाइयां दीं।