नई दिल्ली। अब तक 106 बच्चों की जान ले चुके चमकी बुखार से निपटने में बिहार सरकार की कोशिशों के बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को इस बीमारी के बड़े पैमाने पर फैलने की स्थिति में उपाय करने तथा इस पर निगरानी रखने के लिए केंद्र स्तर पर विशेषज्ञों का एक स्थायी बहुविभागीय समूह गठित करने का फैसला किया।
केन्द्रीय समूह में एम्स, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा मौसम विज्ञान, पोषण और कृषि विज्ञान के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
हर्षवर्धन ने विशेषज्ञों की बैठक की अध्यक्षा भी की, जिसमें बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी (जापानी) बुखार के कथित मामलों में बच्चों की मौत के कारणों तथा इस रोग पर काबू पाने के लिए तत्काल उपायों पर भी विचार किया गया।
मंत्री ने कहा कि हमने इस रोग से ग्रस्त लोगों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि, उनके पोषण की जानकारी, लू की स्थिति, मृत बच्चों में ग्लूकोज की कमी की कथित समस्या, जिले में वर्तमान स्वास्थ्य आधारभूत ढांचा तथा इन मामलों में महत्वपूर्ण माने जाने वाले अन्य कारकों पर चर्चा की।
हर्षवर्धन ने कहा कि बिहार में दो केंद्रीय बहुविभागीय टीमें पहले से तैनात हैं और सरकार की मदद कर रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी राज्य सरकार के नियमित संपर्क में हैं और सभी जरूरी तकनीकी और अन्य मदद उपलब्ध करा रहे हैं।