राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने कहा, अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश ने अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का कभी विरोध नहीं किया। हमारी तैयारी पहले से ही चल रही है और हम 30 सितंबर से पहले प्रक्रिया पूरी कर परिणाम भी घोषित कर देंगे।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के फैसले को सही ठहराया और कहा कि अगर किसी राज्य को लगता है कि कोविड-19 महामारी की वजह से वह नियत तारीख तक परीक्षा आयोजित नहीं कर सकता है तो उसे नई तारीख के लिए यूजीसी से संपर्क करना होगा।(भाषा)