जानकारी के मुताबिक एल्गिन ब्रिज पर नदी खतरे के निशान से 16 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। मिहींपुरवा का छंगापुरवा गांव उफनाई घाघरा से बाढ़ की चपेट में आ गया है। गिरगिट्टी गांव में कटान के चलते आठ ग्रामीणों के मकान नदी में समाहित हो गए हैं। बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट किया गया है। वहीं बैराजों का भी जलस्तर बढ़ने लगा है।
केंद्रीय जल आयोग घाघराघाट के मुताबिक नदी का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। इसके चलते महसी, कैसरगंज और मिहींपुरवा तहसील क्षेत्रों में नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। पशुओं के लिए चारे की भी समस्या हो रही है।
छंगापुरवा गांव के निवासी उफनाई घाघरा के पानी से घिरने से 16 परिवार फंसे थे। इसकी सूचना तहसील को दे दी गई है। लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते प्रशासन की ओर से उनको मदद पहुंचाने में देरी हुई। इसी बीच, महसी क्षेत्र में भी कटान के चलते लगभग 60 बीघा खेती योग्य जमीन नदी में समाहित हुई है। महसी में गोलागंज, कोठार, नईबस्ती, पिपरी गांव नदी के निशाने पर हैं।
कालीन नगरी में जल तांडव : राज्य के ही भदोही जिले में रुक-रुक कर हो रही बारिश से लाखों रुपए के कालीन बर्बाद हो गए हैं। बारिश से कालीन नगरी भदोही में जल तांडव का नजारा देखने को मिल रहा है। नगर के कई मुहल्लों के घरों में जहां बारिश का पानी घुस गया है, वहीं कई कालीन कंपनियों में बारिश के पानी से लाखों रुपए के कालीन भीगकर बर्बाद हो गए हैं।