'विदेशियों' के मुद्दे पर प्रदेश भाजपा की खामोशी से जम्मूवासी स्तब्ध

श्रीनगर। जम्मू में हजारों की संख्या में विदेशियों को बसाए जाने के मुद्दे पर प्रदेश भाजपा की खामोशी से जम्मूवासी स्तब्ध हैं। हालांकि जम्मू निवासी एक केंद्रीय मंत्री द्वारा इस मामले पर एकाध बयान तो जारी किया गया है पर वह जम्मू के लोगों की नाराजगी को दूर नहीं कर पाया। नतीजतन अब जम्मू के लोगों ने इन विदेशियों, जिनमें बांग्‍लादेशी तथा रोहिंग्या निवासी हैं, को निकाल बाहर करने को कमर कसी है। पिछले कई दिनों से जम्मू के लोग इन विदेशियों को निकाल बाहर करने को सड़कों पर हैं और विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
 
राज्य सरकार ने इसे स्‍वयं माना है कि जम्मू में हजारों की संख्या में बांग्लादेशी तथा रोहिंग्या नागरिक बस चुके हैं। जम्मू के लोग इन्हें सुरक्षा तथा डेमोग्राफिक बदलाव के लिए खतरा मानते हुए हैरानगी इस बात पर प्रकट कर रहे हैं कि गठबंधन सरकार की सत्ता पार्टनर भाजपा इस मुद्दे पर पूरी तरह से आंखें मूंदे हुए है।
 
जम्मू में इन विदेशियों के बसने की कवायद उस समय सबसे ज्यादा तेज हुई, जब राज्य में भाजपा-पीडीपी गठबंधन की सरकार बनी, जबकि एक कड़वी सच्चाई यह है कि सत्ता के बाहर रहते हुए भाजपा ने इन विदेशियों को बसाए जाने का विरोध किया था और अब वही चुप्पी सभी को परेशान कर रही है।
 
अब स्थिति यह है कि भाजपा को छोड़ अन्य सामाजिक तथा राजनीतिक दल इन विदेशियों को जम्मू में बसाए जाने पर अपना स्वर ऊंचा किए हुए हैं। 'जम्मू बचाओ आंदोलन' नामक एक नया संगठन भी उठ खड़ा हुआ है जो इन विदेशियों को जम्मू से निकाल बाहर करने को सड़कों पर उतरा हुआ है।
 
संगठन के संयोजक चौधरी विक्रम रंधावा का कहना है, सबसे हैरानगी की बात यह है कि इन विदेशी नागरिकों को राज्य सरकार वह सब सुविधाएं मुहैया करवा रही है जो राज्य के अन्य नागरिकों को मिलती हैं। उनका आरोप था कि भाजपा की मिलीभगत के कारण ही इन विदेशी नागरिकों को सभी सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं और भाजपा की इनके प्रति खामोशी चिंताजनक विषय बन गया है।
 
हालांकि ‘जम्मू बचाओ आंदोलन’ के सदस्यों ने राज्य सरकार को तीन दिनों के भीतर इन विदेशी नागरिकों को दिए गए अवैध पानी के कनेक्शन काटने की चेतावनी दी है। साथ ही बिजली के कनेक्‍शन भी काटने को लेकर भी पीडीडी विभाग के बाहर प्रदर्शन किए हैं। सभी पक्ष इन विदेशियों को जम्मू के आसपास के इलाकों में बसाए जाने को भौगोलिक स्थिति को बिगाड़ने की सोची-समझी साजिश करार दे रहे हैं, पर भाजपा को सत्ता के नशे के कारण फिलहाल कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।

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