उन्होंने कहा कि आज भले ही कुछ लोग जानबूझकर इसका विरोध कर रहे हों, लेकिन आने वाले 10 साल बाद सभी को उसकी अहमियत पता लगेगी और यही लोग आगे आकर इसका समर्थन करेंगे, इसकी तारीफ करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का काम अपने अतिथियों को सुविधाएं देना होता है।
उन्होंने कहा कि अतिथि देवो भव: को सर्वोपरि मानते हुए ही देवस्थानम की नींव रखी गई, ताकि यहां से जाने के बाद यात्री यहां की व्यवस्थाओं का गुणगान हर जगह करें और देवभूमि में तीर्थयात्रियों का आना-जाना लगा रहे, इसी उद्देश्य को लेकर ही इसका गठन किया गया है।