देहरादून। उत्तराखंड में ट्रैकिंग के लिए आने वालों को पहले थाने में अपनी टीम का पूरा परिचय दर्ज कराना होगा। साथ ही पूरा ट्रैक प्लान देना होगा कि ट्रैक पर कब और कहां होंगे। साथ ही साथ ले जाने वाले सामान की भी जांच होगी। आपातकाल के लिए दवाएं और खाने के पैकेट भी मुहैया कराए जाएंगे। ट्रैकिंग के शौकीनों को पहले ट्रैक रूट के थाने से मंजूरी भी लेनी होगी। उन्हें अपना पूरा ब्योरा और ट्रैक का प्लान बताना होगा।
कई दिन की मशक्कत के बाद हालांकि दो लोग इनमें से जिन्दा रेस्क्यू हुए, लेकिन सात लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अब भी लापता हैं। इस घटना की जानकारी के बावजूद लापता लोग किस रूट पर हैं और कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं।इसका पता लगाने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही।
इस घटना के बाद उत्तरकाशी पुलिस कप्तान से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही आगामी समय के लिए एसओपी बनाने की तैयारी की जा रही है। अभी तक यहां आने वाले पर्यटक और ट्रैकर्स स्थानीय थाने को सूचना नहीं देते हैं। एसओपी में इस बात को अनिवार्य कर दिया जाएगा। पुलिस मुख्यालय के माध्यम से यह प्रस्ताव जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।
एस सम्बन्ध में तैयार की जा रही एसओपी में ट्रैकर्स को स्थानीय थाने को सूचना देने के साथ ही इन क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने के लिए सैटेलाइट फोन की व्यवस्था भी की जाएगी। इससे उनके मूवमेंट को ट्रैक किया जा सकेगा। एक तय अंतराल के बाद उनकी लोकेशन पता की जाएगी, जिससे अनहोनी की स्थिति में उन्हें ढूंढने में अधिक वक्त नहीं लगे।