निशा ने बताया, 'जब बात कानून की आती है तब पढ़े लिखे लोग भी कानून की जानकारी के अभाव में अनपढ़ की तरह ही होते हैं। ऐसे बहुत से मुद्दे हैं जैसे कि संपत्ति कानून, प्रताड़ना कानून, घरेलू हिंसा वगैरह जिसके बारे में आम लोग जानना चाहते हैं लेकिन जब बात कानून की किताबों की आती है तब इसे पढ़ना-समझना बड़ा भारी काम होता है।'