गौरतलब है कि एक महिला ने गायत्री प्रजापति और उसके साथियों पर बलात्कार का आरोप लगाया था। स्थानीय पुलिस द्वारा आरेपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर महिला उच्चतम न्यायालय की शरण में गई थी। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गत 18 फरवरी को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके अगंरक्षक समेत छह साथियों के खिलाफ बलात्कार और पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।