महिला ने न्याय के लिए खून के पत्र से लगाई गुहार (वीडियो)

कीर्ति राजेश चौरसिया

गुरुवार, 1 दिसंबर 2016 (21:41 IST)
उज्जैन। जिले के उन्हेल तहसील में काजी ने शबाना का निकाह हाटपीपल्या महूखेड़ा के टीपू शाह से 25 मई 2011 को मुस्लिम रीति-रिवाज से कराया था। टीपू शाह से शबाना को एक चार साल की बच्ची है। इसका नाम तहजीब है।
शबाना पढ़ाई के साथ नर्सिंग का कोर्स किया हुआ है। वह नौकरी करना चाहती थी, लेकिन शबाना के ससुराल वाले उससे खेत पर काम कराना चाहते थे। बस फिर क्या था, यहीं से शबाना के पति व ससुराल वालों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दहेज की मांग शुरू कर दी।
 
टीपू शाह ने शबाना को 10 नवंबर को तलाकनामा पहुंचाया। जो मैंने तलाक कबूल नहीं किया और 19 नवंबर 2016 को उसने दूसरी शादी भी कर ली।  इस पर शबाना ने पुलिस में रिपोर्ट लिखाई और न्याय के लिए अपने खून से सुप्रीम कोर्ट के जज को पत्र लिखा है।
 
 शबाना का आरोप है कि तीन बार 'तलाक, तलाक, तलाक' कहकर मुझे और मेरी मासूम बच्ची को छोड़ दिया। मैं ऐसे नियम और कानून को नहीं मानती। कानून ऐसा हो जो सबके लिए समान हो। अगर मुझे अब भी न्याय नहीं मिला तो मैं अपनी बच्ची के साथ आत्महत्या कर लूंगी।  मुझे सिर्फ इस बात की सजा दी जा रही है कि मैं पढ़ी-लिखी होकर काम करना और अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हूं।

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