शबाना पढ़ाई के साथ नर्सिंग का कोर्स किया हुआ है। वह नौकरी करना चाहती थी, लेकिन शबाना के ससुराल वाले उससे खेत पर काम कराना चाहते थे। बस फिर क्या था, यहीं से शबाना के पति व ससुराल वालों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दहेज की मांग शुरू कर दी।
शबाना का आरोप है कि तीन बार 'तलाक, तलाक, तलाक' कहकर मुझे और मेरी मासूम बच्ची को छोड़ दिया। मैं ऐसे नियम और कानून को नहीं मानती। कानून ऐसा हो जो सबके लिए समान हो। अगर मुझे अब भी न्याय नहीं मिला तो मैं अपनी बच्ची के साथ आत्महत्या कर लूंगी। मुझे सिर्फ इस बात की सजा दी जा रही है कि मैं पढ़ी-लिखी होकर काम करना और अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हूं।