जीजेएम परिसरों पर छापेमारी, पुलिस को मिले हथियार

गुरुवार, 15 जून 2017 (13:54 IST)
दार्जिलिंग। पुलिस ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग से जुड़े कुछ परिसरों पर गुरुवार को छापेमारी कर तीरों और विस्फोटकों सहित वहां से 300-400 हथियार बरामद किए। इस छापेमारी और घटनाक्रम से नाराज अलगाववादी समूह ने दार्जिलिंग की पहाड़ियों में अनिश्चितकालीन बंद का आहवान किया है।
 
पुलिस का कहना है कि दार्जिलिंग के सिंगमारी और पाटलेबास इलाकों में की गई छापेमारी के दौरान कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को भी आज गिरफ्तार किया गया।
 
गौरतलब है कि इस छापेमारी से महज एक दिन पहले गुरूंग ने कहा था कि पृथक गोरखालैंड की मांग पूरी होने तक उनके समूह का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने पर्यटकों से दार्जिलिंग से दूर रहने का आहवान किया था। पश्चिम बंगाल में चाय बगानों से भरे इस क्षेत्र को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
 
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुरूंग और जीजेएम के कुछ अन्य कार्यकर्ताओं के परिसरों पर छापेमारी की गई। हमने पुष्ट सूचनाओं के आधार पर छापेमारी की। छापेमारी अभी चल रही है। हमने जीजेएम के कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार किया है कि गुरूंग के आवास पर छापा मारा गया है। छापेमारी के बाद जीजेएम ने पहाड़ी क्षेत्र में आज से अनिश्चितकालीन बंद का आहवान किया है।
 
जीजेएम के महसचिव रोशन गिरि ने कहा, 'राज्य सरकार चुन-चुन कर निशाना बनाने की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, पुलिस और राज्य सरकार हमें पहाड़ी क्षेत्र में अनिश्चितकालीन बंद बुलाने पर मजबूर कर रहे हैं। राज्य सरकार की क्रूरता के बारे में हम केन्द्र को सूचित करेंगे। हमने पहाड़ी में आज से अनिश्चितकालीन बंद का आहवान किया है।'
 
हथियार बरामद होने के मामले में जीजेएम नेता ने कहा, 'उन्हें क्या मिला है? खुखरी हमारी परंपरा का हिस्सा है, उसे रखने में क्या हर्ज है? तीन-धनुष पारंपरिक हथियार हैं। वे तीरंदाजी प्रतियोगिता के विद्याथर्यिों के लिए थे।'
 
गिरि ने आरोप लगाया कि जीजेएम को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि हम पृथक राज्य के लिए लड़ रहे हैं। पुलिस और राज्य सरकार हमारे खिलाफ झूठे मुकदमे दायर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार को राजनीतिक समस्या सुलझानी चाहिए।
 
पृथक गोरखालैंड की जीजेएम की मांग को पहाड़ी क्षेत्र के छह अन्य दलों का समर्थन मिलने के बाद आंदोलन ने ज्यादा जोर पकड़ लिया है। (भाषा) 

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