गुजरात में दलित हिंसा के बाद तनाव बढ़ा, 3 और युवकों ने किया खुदकुशी का प्रयास

मंगलवार, 19 जुलाई 2016 (18:07 IST)
अहमदाबाद। गुजरात में दलित अत्याचार मामले ने हिंसक रूप ले लिया। सौराष्ट्र के कई इलाको में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। जामनगर में देर रात लोगों और पुलिस में हिंसक झड़प हुई है। 
जामनगर के शंकर टेकरी इलाके में पुलिस ने हिंसक भीड़ पर काबू पाने के लिए 5 राउंड टीयर गैस के गोले छोड़े। इस दौरान द्वारा जाती राज्य परिवहन की बस भी भीड़ का शिकार बनी। भीड़ ने चलती बस पर पथराव किया, जिससे के चलते बस ड्राइवर और यात्री जख्मी हो गए।
 
ऊना में दलितों द्वारा खुदकुशी की कोशिश के बाद जूनागढ़ के बांटवा में 3 दलित युवाओं ने भी सामूहिक खुदकुशी का प्रयास किया है। माणावदर सिविल अस्पताल में तीनो को भर्ती कराया गया है। हिंसक हुई भीड़ ने स्टेट ट्रांसपोर्ट की कई और बसों पर भी पथराव किया।
 
हिंसक प्रदर्शन को देखते कई इलाकों में बस सेवाएं एहतियातन बंद कर दी गई। इसके अलाना अमरेली में कई रास्तों पर प्रदर्शन के दौरान टायर जलाए गए। हालांकि हिंसक प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर राजकोट में देखने को मिल रहा है।
 
राजकोट जिले में जगह-जगह प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की। सबसे पहले राजकोट के धोराजी में 2 सरकारी बसों को फूंक दिया गया। इसके बाद राजकोट के बीआरटीएस ट्रैक को निशाना बनाया। हिंसक भीड़ के निशाने पर राजकोट ग्रामीण एसपी की गाड़ी भी आ गई। उपद्रवियों ने गाड़ी के कांच तोड़े दिए। दलित अत्याचार मामले पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। 
 
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे वर्ना लोग सड़कों पर उतरेंगे, उनका गुस्सा फूटेगा। मायावती ने दलित समुदाय से अपील की कि वो कानून हाथ में न लें। जामनगर में बीएसपी कार्यकर्ताओं द्वारा चक्का जाम की कोशिश की गई। पुलिस ने 40 लोगों को हिरासत में लिया। कुछ जगह दलितों ने मृत पशु फेंककर रास्ते जाम करने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
 
अमरेली में दलितों की रैली के भी हिंसक होने की खबर आई। पुलिस के साथ संघर्ष और पुलिस पर पथराव में एसपी समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। स्थिति तनाव पूर्ण है। राज्य में कांग्रेस के बड़े नेता अहमद पटेल ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने हिंसा झेली है उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
 
दलित अत्याचार मामले पर हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। 11 जुलाई को ऊना में चार दलितों को कार से बांधकर सरेआम पिटाई की गई थी। 
 
दलितों की पिटाई का आरोप शिवसेना कार्यकर्ताओं पर लगा था। इन दलित युवकों पर आरोप था कि ये मरे हुए पशुओं की खाल उतार रहे थे। इसके बाद ऊना में चार दलितों पर हुए अत्याचार के विरोध में एकसाथ सात लोगों ने सामूहिक तौर पर खुदकुशी की कोशिश की। 
 
इस घटना ने आग में घी डालने का काम किया। इसके बाद पुलिस ने दलितों की पिटाई के आरोप में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी है।

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