गुलबर्ग सोसायटी मामले में होगी पुन: सुनवाई

शनिवार, 29 नवंबर 2014 (12:48 IST)
अहमदाबाद। साल 2002 के गुलबर्ग सोसायटी दंगे से जुड़े मामले में सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत मामले में 4 सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की पीड़ितों की एक याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई कर सकती है। दंगों के इस मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोग मारे गए थे।

विशेष अदालत के न्यायाधीश पीबी देसाई पीड़ितों के वकील एसएम वोरा के माध्यम से दाखिल आवेदन पर 2 दिसंबर को सुनवाई कर सकते हैं।

सेवा में लापरवाही के लिए जिन अधिकारियों पर मुकदमे की मांग की गई है उनमें पूर्व शहर पुलिस आयुक्त पीसी पांडेय, पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त एमके टंडन, पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त पीबी गोंदिया और पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त (शहर अपराध शाखा) एसएस चूडासमा (सभी सेवानिवृत्त) हैं।

मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल की ओर से विशेष सरकारी अभियोजक आरसी कोडेकर ने शुक्रवार को 28 फरवरी, 2002 को घटी दंगे की घटना का ब्योरा दिया।

उन्होंने अदालत में बताया कि गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद विश्व हिन्दू परिषद ने 28 फरवरी को बंद का आह्वान किया था जिसके बाद शहर के दरियापुर जैसे सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील इलाकों में पुलिस लगा दी गई।

उन्होंने कहा कि मेघानीनगर इलाके, जहां गुलबर्ग सोसायटी पड़ती है, को तरजीह नहीं दी गई, क्योंकि अतीत में वहां सांप्रदायिक तनाव का कोई रिकॉर्ड नहीं था। एसआईटी की दलीलें 2 दिसंबर तक जारी रहेंगी। (भाषा)

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