पटेल समुदाय के आंदोलन का अगला चरण सूरत में आज से

मंगलवार, 1 सितम्बर 2015 (00:16 IST)
अहमदाबाद। पिछले हफ्ते एक रैली से देशभर में चर्चा में आने के बाद पटेल समुदाय ने आरक्षण के लिए मंगलवार से अगले चरण का आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। इसके साथ ही समुदाय ने समाज के विभिन्न हिस्सों से समर्थन मिलने का दावा किया है।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हार्दिक पटेल ने दिल्ली से यहां लौटने के बाद यह घोषणा की। इस आंदोलन के कारण पिछले हफ्ते गुजरात में हिंसा हुई थी।
 
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम कल सूरत से आंदोलन शुरू करेंगे। हम इस बार तालुका और गांव स्तर पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करेंगे।’ उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में रैलियां की जाएंगी। हार्दिक ने दावा किया कि आंदोलन का दूसरा चरण पूरे देश का ध्यान आकृष्ट करेगा।
 
उन्होंने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘हम अपने आगामी कार्यक्रमों और राज्य में होने वाली रैलियों के बारे में मंगलवार को आधिकारिक घोषणा करेंगे। इस बार पूरे देश की निगाहें हमारे कार्यक्रम पर होंगी। हम महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलेंगे।’ 
 
आंदोलन के पहले चरण में, अहमदाबाद में 25 अगस्त को बड़ी रैली आयोजित की गई थी। उसके बाद हिंसा होने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। अपनी दिल्ली यात्रा का ब्यौरा देते हुए हार्दिक ने कहा कि कई संगठनों ने उनके आंदोलन को समर्थन दिया है।
 
उन्होंने विभिन्न संगठनों के पत्र भी दिखाए, जिन्होंने समर्थन दिया है। इन संगठनों में गुज्जर विकास परिषद, कुर्मी-क्षत्रिय महासभा, अंजाना-चौधरी समाज, राष्ट्रीय गुज्जर मंच शामिल हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘अब हमें पूरे देश से समर्थन मिल रहा है। गुज्जर, कुर्मी, चौधरी और कई अन्य हमारे साथ हैं। हमारा आंदोलन अन्य हिस्सों में और फैलेगा। आने वाले दिनों में, हमने उत्तर प्रदेश में लखनऊ में एक रैली करने की योजना बनाई है।’
 
हार्दिक के अनुसार देश में पटेल, गुज्जर और कुर्मी की कुल आबादी 27 करोड़ है। उन्होंने कहा, ‘हमने आरक्षण की मांग करते हुए एक आवेदन पर अपने सभी 27 करोड़ सदस्यों के हस्ताक्षर लेने और इसे प्रधानमंत्री को सौंपने की योजना बनाई है।’
 
उन्होंने 25 अगस्त को जीडीएमसी मैदान पर मेगा-रैली के कुछ घंटों बाद पटेल नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के बाद राज्य में हिंसा के लिए गुजरात पुलिस और सरकार की आलोचना की।
 
हार्दिक ने कहा, ‘25 अगस्त के पहले हमने 37 रैलियां आयोजित कीं और किसी में भी ऐसी हिंसा नहीं हुई। मैं हिंसा भड़काने के लिए पुलिस और गुजरात सरकार को जिम्मेदार मानता हूं। अन्यथा, हमने हमेशा गांधीजी द्वारा दिखाए गए रास्ते का अनुसरण किया।’ (भाषा)

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