700 करोड़ के घोटाले में हर्षद मेहता का भाई दोषी

मंगलवार, 29 नवंबर 2016 (23:19 IST)
मुंबई। विशेष अदालत ने राष्ट्रीय आवास बैंक के साथ 700 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी मामले में चर्चित शेयर ब्रोकर हर्षद मेहता के भाई सुधीर मेहता तथा कुछ वरिष्ठ बैंक अधिकारियों एवं शेयर दलालों समेत पांच अन्य को दोषी ठहराया है। मेहता का निधन हो चुका है।
वर्ष 1992 में बंबई शेयर बाजार तथा अन्य शेयर बाजारों को हिला देने वाले प्रतिभूति घोटाले के 24 साल बाद यह फैसला आया है। इस मामले में मुख्य आरोपी हषर्द मेहता का 2002 निधन हो गया। उसके बाद उनके खिलाफ मामले को खत्म कर दिया गया।
 
न्यायाधीश शालिनी फनसालकर जोशी ने 25 नवंबर को सुधीर मेहता, हर्षद के संबंधी तथा शेयर ब्रोकर दीपक मेहता, एनएचबी के तत्काली अधिकारी सी. रवि कुमार तथा सुरेश बाबू, एसबीआई के पूर्व अधिकारी आर सीतारमण और शेयर ब्रोकर अतुल पारेश को दोषी ठहराया।
 
भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा तथा विश्वास हनन का दोषी पाए जाने के बाद उन्हें छ: महीने से लेकर चार साल की सजा सुनाई गई तथा सामूहिक रूप से 11.95 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया।
 
उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत भी दोषी पाया गया है। हालांकि अदालत ने हर्षद के रिश्तेदार हितेन मेहता समेत तीन अन्य को बरी कर दिया। दो अन्य शेयर दलाल पंकज शाह तथा वीरेंद्र दमानी हैं। उन्हें संदेह का लाभ दिया गया है।
 
अदालत ने सजा और जुर्माने को आठ सप्ताह के लिए लंबित रखा गया है ताकि वे उच्चतम न्यायालय में जा सकें। दोषियों ने अदालत के समक्ष यह अनुरोध किया था कि शीर्ष अदालत में जाड़े का अवकाश है तथा नोटबंदी के कारण उनके लिए जुर्माना देना मुश्किल है। उसके बाद अदालत ने आठ सप्ताह का उन्हें समय दिया। (भाषा)

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