हरियाणा में 9 मंत्री चुनाव हारे

सोमवार, 20 अक्टूबर 2014 (12:39 IST)
चंडीगढ़। हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के 9 मंत्रियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। मोदी लहर के सहारे भाजपा पहली बार अपने दम पर हरियाणा में सत्ता में पहुंची है। साल 2009 के विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीतने वाली कांग्रेस महज 15 सीटों पर सिमट गई है। पार्टी के ज्यादातर उम्मीदवार तीसरे और चौथे स्थानों पर रहे हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला किलोई से चुनाव जीत गए हैं। वे अपने इनेलो के निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 47,000 से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री की जीत का अंतर साल 2009 के चुनाव की तुलना में 25,000 मतों से घट गया है।

चुनाव हारने वालों में सिंचाई मंत्री और रेवाड़ी से 6 बार के विधायक अजय सिंह यादव हैं, जो अपने गढ़ में तीसरे स्थान पर रहे। शहरी विकास मंत्री सावित्री जिंदल को भी अपने पारंपरिक गढ़ हिसार में भाजपा के डॉ. कमल गुप्ता से हार का सामना करना पड़ा।

खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह बढ़कल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की सीमा त्रिखा से चुनाव हार गए।

कृषि मंत्री परमवीर सिंह टोहाना में चौथे स्थान पर रहे जबकि परिवहन मंत्री आफताब अहमद नूह विधानसभा क्षेत्र में इनेलो उम्मीदवार से चुनाव हार गए। सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान दादरी विधानसभा क्षेत्र में चौथे स्थान पर रहे।

श्रममंत्री शिवचरण लाल शर्मा फरीदाबाद एनआईटी सीट से इनेलो उम्मीदवार से चुनाव हार गए। शर्मा ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था। खेलमंत्री सुखबीर कटारिया जिन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था वे गुड़गांव से चौथे स्थान पर रहे।

हरियाणा के जिन मंत्रियों ने जीत का स्वाद चखा उनमें उद्योग मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला (कैथल), उत्पाद शुल्क एवं कराधान मंत्री किरण चौधरी (तोशाम) और शिक्षामंत्री गीता भुक्कल (झज्जर-एससी) सीट शामिल हैं।

उधर, हरियाणा के वित्तमंत्री एचएस चट्ठा ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा। हालांकि उनके पुत्र मनदीप सिंह चट्ठा जिन्होंने पिहोवा विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, वे तीसरे स्थान पर रहे। (भाषा)

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