अलग-अलग स्तर के अधिकारी व कर्मचारियों को अलग-अलग सेट उपलब्ध कराया गया है, लेकिन उपहार बांटने की कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है। कहा जा रहा है कि उपहार बांटने की हर वर्ष परंपरा है किंतु यह उपहार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए नहीं है।
चर्चा तो यहां तक है कि शासन में मोबाइल दिए जाने की स्वीकृति आखिर किसने दी? बिना मोबाइल खरीदी के मद के स्वीकृति बिना धनराशि आखिर खर्च कैसे हुई? किस वित्तीय वर्ष में इसकी स्वीकृति मिली? एक जानकार ने बताया कि यह पिछले वर्ष की धनराशि से मोबाइल मिला है, इस बार का उपहार अभी नहीं मिला है।