मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में लगाए गए विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से 6 लोगों की मौत हो गई थी और 101 अन्य लोग घायल हो गए थे। विशेष अदालत ने मामले में सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं है। अदालत ने कहा कि कोई भी धर्म हिंसा नहीं सिखाता है। उसने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन अदालत सिर्फ धारणा के आधार पर दोषी नहीं ठहरा सकती।(भाषा)