के अचानक आग पकड़ने से ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं। यही कारण है कि शिवसिंह चारण व उनके परिवार के पांचों घरों में हर समय बीते तीन दिनों से लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। अचानक आग लगने की इस गुत्थी को अब तक कोई भी नहीं सुलझा पाया है। 21वीं सदी में भी इन घटनाओं से दहशत व अफवाहों का दौर जारी है। घटनाओं के चलते पीड़ित परिवार के लिए खाना-पीना भी हराम हो रहा है।
फैल रही है अफवाह : भीलवाड़ा शहर से 36 किलोमीटर दूर ढोकलिया ग्राम में सेवानिवृत कोर्ट मुंशी शिवसिंह चारण के घर में जब पहली बार कपड़े जलने की बात सामने आई तो उन्होंने इसे मन का वहम मानते हुए परिजनों को ही लताड़ लगा दी। मगर जब यह घटनाएं थमने की बजाय उनके भाइयों के घरों में भी आग लगने लगी तो उन्हें चिन्ता सताने लगी।
अब तक शिवसिंह, महेशसिंह, बद्रीसिंह और महिपालसिंह के घरों में यह हादसा हो चुका है। कभी महिलाओं के पहने हुए कपड़ों में आग लग जाती है। कभी घर की छत पर सूखने के लिए रखी गई तिल्ली की फसल में आग लग जाती है। आग लगने पर परिजन दौड़कर जाते हैं और उस पर पानी डालते ही वह बुझ जाती है।