Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मानसून (monsoon) के 54 दिनों में ही 742 मिलीमीटर पानी बरस चुका है, जो जून से 30 सितंबर के बीच मौसम की औसत बारिश (average rainfall) 730 मिलीमीटर की तुलना में अधिक है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरिंदर पॉल ने बताया कि जुलाई में बारिश ने पिछले 50 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने यह भी बताया कि मनाली, सोलन, रोहड़ू, ऊना, घमरूर, हमीरपुर और केलोंग शहरों ने 9 जुलाई को महीने में 1 दिन में बारिश के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस दिन राज्य में अभूतपूर्व बारिश दर्ज की गई थी।
पॉल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 7 से 10 जुलाई तक 4 दिनों में 223 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, जो इसी अवधि में औसत बारिश 41.6 मिलीमीटर से 4 गुना से भी अधिक है। रविवार से राज्य में मूसलधार बारिश का दूसरा दौर चल रहा है। अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ दिनों में मानसून कमजोर हो जाएगा और 25 अगस्त को फिर सक्रिय होने की संभावना है।
इस मौसम में राज्य के कई हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस मानसून सीजन में राज्य में बारिश के कारण हुई दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 327 तक पहुंच गई है। अधिकारियों ने बताया कि 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक राज्य को 7,200 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।
हिमाचल में बारिश से मृतकों की संख्या बढ़कर 71 हुई : हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण पिछले 3 दिनों में कम से कम 71 लोगों की जान जा चुकी है और 13 लोग अभी भी लापता हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के काम को 'पहाड़ जैसी चुनौती' करार दिया है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला में समर हिल के समीप शिव मंदिर के मलबे से 1 और महिला का शव बरामद होने के साथ ही बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले 57 लोगों के शव अब तक बरामद हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन और बाढ़ के कारण ढही इमारतों के मलबे से बुधवार को और शव निकाले जाने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ गई।
हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही भारी बारिश के कारण शिमला के समर हिल, कृष्णा नगर और फागली इलाकों में भूस्खलन हुए थे। प्रमुख सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि पिछले 3 दिनों में कम से कम 71 लोगों की मौत हो चुकी है और 13 अभी भी लापता हैं। रविवार रात से अब तक 57 शव बरामद किए जा चुके हैं।
एक साक्षात्कार में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि उनके राज्य को इस मानसून में भारी बारिश के कारण बर्बाद हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में 1 साल लगेगा और दावा किया कि लगभग 10,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी चुनौती है, एक पहाड़ जैसी चुनौती।
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि समर हिल और कृष्णा नगर इलाकों में बचाव अभियान चलाया जा रहा है और समर हिल से 1 शव बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक समर हिल से 13 शव, फागली से 5 और कृष्णा नगर से 2 शव बरामद किए गए हैं। शिव मंदिर में सोमवार को हुए भूस्खलन के मलबे में अब भी 10 और लोगों के दबे होने की आशंका है।
कृष्णा नगर में करीब 15 मकानों को खाली कराया गया और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। कई अन्य लोगों ने मूसलधार बारिश के कारण भूस्खलन की आशंका से खुद अपने घर खाली कर दिए हैं। शिक्षा विभाग ने खराब मौसम के कारण बुधवार को राज्य में सभी स्कूल तथा कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने 19 अगस्त तक शैक्षणिक गतिविधियां निलंबित कर दी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में करीब 800 सड़कें अवरुद्ध हैं और 24 जून को मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 7,200 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। इससे पहले जुलाई में मंडी, कुल्लू तथा शिमला समेत राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश से कई लोगों की मौत हो गई थी और करोड़ों रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई थी। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्र से हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा की घोषणा करने तथा राहत एवं क्षतिग्रस्त ढांचों की मरम्मत के काम के लिए 2,000 करोड़ रुपए की निधि जारी करने का अनुरोध किया है।(भाषा)