कोटा (राजस्थान)। राजस्थान की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) पर एक टिप्पणी को लेकर सोमवार को जिला पुलिस को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और मामले पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। रंधावा ने 13 मार्च को जयपुर में पार्टी की एक बैठक में प्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी।
निशाना साधते हुए कथित तौर पर कहा था कि 'अगर अडाणी और अंबानी को हटाना है, तो पहले मोदी को खत्म करना होगा।' कांग्रेस नेता के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। भाजपा के प्रदेश महासचिव व रामगंज मंडी से विधायक मदन दिलावर ने 18 मार्च को महावीर नगर थाने में रंधावा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। भाजपा विधायक ने अपनी शिकायत में रंधावा पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ घृणित भाषण देने और लोगों को उनकी हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कांग्रेस नेता पर राष्ट्र की अखंडता और एकता को नुकसान पहुंचाने तथा लोगों के बीच हिंसा और दुश्मनी भड़काने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया। दिलावर ने मांग की कि रंधावा के खिलाफ देशद्रोह, दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए।
उनके वकील मनोज पुरी ने सोमवार की अदालती सुनवाई के बाद पत्रकारों से कहा कि पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर दिलावर ने 3 मई को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत का रुख किया था और इसके बाद अदालत ने कोटा पुलिस से मामले पर 10 मई तक रिपोर्ट मांगी थी।
पुरी ने बताया कि कोटा के पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह मामला कोटा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, क्योंकि टिप्पणी जयपुर में की गई थी। दिलावर के वकील ने कहा कि हालांकि टिप्पणी जयपुर में की गई थी, लेकिन यह देश के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है।
उन्होंने कहा कि यह लोगों को प्रधानमंत्री मोदी की 'हत्या' करने के लिए उकसा सकती है और देशभर में हिंसा का कारण बन सकती है। वकील ने कहा कि अदालत ने इसके बाद कोटा पुलिस को रंधावा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया और कहा कि आपराधिक मामलों में कहीं भी प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि शहर की पुलिस जांच के बाद रिपोर्ट पेश करे। इस बीच महावीर नगर थाने के प्रभारी परमजीत सिंह ने कहा कि पुलिस को अभी अदालत के आदेश की प्रति नहीं मिली है।(भाषा)