लखनऊ हवाई अड्डे पर 11 नवंबर की रात करीब आठ बजे इंडिगो का एक कर्मचारी यात्री उर्वशी पारिख विरेन को अराइवल हॉल में व्हीलचेयर पर ले जा रहा था। रास्ते में पारिख व्हीलचेयर से गिर पड़ीं। इंडिगो ने सुबह जारी बयान में हवाई अड्डा प्रबंधक एएआई पर दोष मढ़ने और अपने कर्मचारी को बचाने की कोशिश करते हुए कहा है कि अराइवल हॉल में रोशनी कम थी और फर्श पर एक दरार थी जिसमें फंसकर व्हीलचेयर का संतुलन बिगड़ गया और श्रीमती पारिख गिर पड़ीं। हालाँकि, उसने उनसे माफी भी माँगी है।
एएआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिगो का लोडर तय मार्ग की बजाय शॉर्टकट से व्हीलचेयर लेकर जा रहा था और गलत दिशा में चला गया। एएआई ने बताया कि मुंबई से आई उड़ान संख्या 6ई-446 से यात्रियों को लाने के लिए छह व्हीलचेयर इस्तेमाल किये जा रहे थे। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि इनमें से दो लोडर तय मार्ग से व्हीलचेयर अराइवल क्षेत्र में ले जा रहे थे जबकि चार अन्य शॉर्टकट के चक्कर में गलत रास्ते से जा रहे थे।
रिपोर्ट में फर्श पर दरार या अराइवल क्षेत्र में रौशनी कम होने की बात खारिज कर दी गयी है। इसमें कहा गया है कि पारिख चार पायों वाला वॉकिंग स्टिक इस्तेमाल कर रही थीं। उन्होंने रास्ते में अपना वॉकिंग स्टिक सड़क पर टिका दिया जबकि लोडर ने व्हीलचेयर को धक्का देना जारी रखा। इस कारण पारिख व्हीलचेयर से गिर पड़ीं।