भारत सहित विश्व में इसके लिए नियमित रूप से नेशनल पार्क एवं एनिमल सेंचुरी को डेवलप किया जा रहा है। इसके तहत भारत में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, उत्तराखंड, मेघालय, ओड़िशा, मध्यप्रदेश, अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, सिक्किम सहित देश में करीब 18 बायोस्फीयर्स रिजर्व एरिया को नियमित डेवलप किया जा रहा है। इसके साथ ही विश्व में अफ्रीका के 31 देशों में 86, अरब के 14 देशों में 35, एशिया पेसिफिक के 40 देशों में 168, यूरोप एवं नॉर्थ अमेरिका के 24 देशों में 306, लेटिन अमेरिका एवं कैरिबीन के 22 देशों में करीब 132 बायोस्फीयर्स रिजर्व को नियमित रूप से विकसित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में बीसीए के समजना राई, प्रतीक्षा राई, पल्लबी बोरह, लोकबहादुर क्षेत्री, भाने माया क्षेत्री, नाबीन कुजुर, मथुरेकर आशीष, सेसे हंगमा लीम्बू, श्रृष्ठी तमंग, बीएससी नर्सिंग के बीपाश्या राई, नाम हुंगमा लीम्बू, निरोशना हंगमा लीम्बू, जीएनएम के वोनशिखा गुरुंग, भूमिका राई, अश्वीन राई, डोलमा तमंग, शिरिंग पेमा भूटिया, जूनिमा गुरुंग, अशोकी राई, पेमा डोलमा तमंग, खुशी राई, शिपोरा राई, अदिति प्रधान, डुगमित लेपचा, अमृता राई, अंजा गुरूंग, अफिआ राई, डेचेन भूटिया, अनिशा शर्मा, चुसोंग लेपचा, हिशे ओगमु तमंग, सिवानी राई, अनिशा राई, अंजली कामी, सेवानी लोहर, साबित्री क्षेत्री, कुसुम लिम्बू, हीशे ओंगमू भूटिया, पेमा शेरपा, लक्ष्मी शर्मा, यान्चेन भूटिया, प्रणिता विश्वकर्मा, पाषांग लामू तमंग, तिला रूपा रेगमी, सोसोमित लेपचा, शेरिंग उदेन शेरपा, पेमू तमंग सहित विश्वविद्यालय के अनेक विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।