Satara: महाराष्ट्र के सतारा (Satara) जिले के पुसेसवली गांव में सांप्रदायिक हिंसा में एक शख्स की मौत होने और 10 अन्य के जख्मी होने के 2 दिन बाद मंगलवार को स्थिति नियंत्रण में है लेकिन एहतियातन इंटरनेट (internet) सेवाएं बंद रहेंगी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। यह गांव पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर है। सोशल मीडिया पर 'आपत्तिजनक' पोस्ट को लेकर रविवार रात 2 समूहों में हुए संघर्ष के बाद पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया था कि दंगाइयों ने कुछ घरों और गाड़ियों को भी आग लगा दी थी।
पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि सोशल मीडिया पर 'आपत्तिजनक' पोस्ट के सिलसिले में 2 युवकों को हिरासत में लिया गया है और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। सतारा के पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि पुलिस गांव में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए हुए है। स्थिति अब नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर 'आपत्तिजनक' सामग्री साझा करने के मामले में छानबीन की जा रही है। कुछ संगठनों ने मंगलवार को सतारा शहर में 'मौन मार्च' निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें मार्च नहीं निकालने के लिए समझाया और उनसे अपना मार्च शनिवार तक के लिए स्थगित करने का आग्रह किया।
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) किरण कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि कुछ संगठनों ने पुलिस से पूर्व अनुमति लिए बिना सतारा शहर में मौन मार्च निकालने की कोशिश की। (सीआरपीसी की) धारा 144 के तहत निषेधात्मक लागू हैं। लिहाजा हमने आयोजकों से हालात सुधरने पर मार्च निकालने को कहा। भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के साथ-साथ दंगा करने की धाराओं में एक मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया था कि आपत्तिजनक पोस्ट के सिलसिले में भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए ( धार्मिक भावनाओं को आहत करने के विमर्शित और विद्वेषपूर्ण आशय से किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करना या ऐसा करने का प्रयत्न करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है और पोस्ट को कथित रूप से साझा करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है।(भाषा)