यहां एक स्थानीय अदालत से बाहर आते हुए 44 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता ने मीडिया के समक्ष घोषणा की, मैं नौ अगस्त को अपना अनशन समाप्त कर दूंगी और चुनाव लड़ूंगी। उन्होंने कहा कि अब उन्हें नहीं लगता कि उनके अनशन से 'कठोर' आफ्सपा हट पाएगा, लेकिन वह लड़ाई जारी रखेंगी।
इरोम ने मीडिया से कहा कि वह सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (आफ्सपा) हटाने की उनकी अपील पर सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं देने और आम नागरिकों की बेरूखी से मायूस हुई हैं, जिन्होंने उनके संघर्ष को ज्यादा समर्थन नहीं दिया। उन्होंने राज्य में इनर लाइन परमिट सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए चले आंदोलन में स्कूली छात्रों के इस्तेमाल की आलोचना की। (भाषा/वेबदुनिया)