देवबंद, सहारनपुर। प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं को लेकर जारी फतवे पर कायम रहते दोहराया है कि फैशन परस्ती के लिए बाल कटवाना और आंखों की भौंहों को बनवाना इस्लाम में जायज नहीं है।
दारूल उलूम ने ऑनलाइन फतवा जारी कर कहा था कि मुस्लिम महिलाओं का आईब्रो बनवाना और बाल कटवाना नाजायज है जिस पर फतवे को लेकर बहस छिड़ गई थी। इस फतवे के बारे में पूछे गए सवाल पर संस्था ने कहा कि बाल महिलाओं की खूबसूरती होती हैं, बिना मजबूरी के उन्हें कटवाने की हजरत पैगंबर साहब ने मनाही की थी। फतवे में लिखा है कि मजहब-ए-इस्लाम में यह भी कहा गया है कि महिलाएं ही नहीं पुरुष भी आईब्रो बनवाते हैं तो वह भी जायज नहीं होगा।
फतवे पर मुस्लिम उलेमाओं का कहना है कि आज के आधुनिक दौर में महिलाएं सजने-संवरने के लिए ब्यूटी पार्लर में जाती हैं। उससे बेपर्दगी होती है जो ठीक नहीं है। मुफ्ती अरशद फारूकी का कहना है कि अगर आईब्रो के बाल बढ़ जाते हैं तो उन्हें ठीक तो किया जा सकता है लेकिन ब्यूटी पार्लर में जाकर आईब्रो बनवाना ठीक नहीं है।