जल्‍लीकट्टू: हिंसक हुआ प्रदर्शन, केंद्र भेज सकता है फोर्स

सोमवार, 23 जनवरी 2017 (15:56 IST)
तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को लेकर प्रदर्शन हिंसक हो गया है। जल्‍लीकट्टू के समर्थन में सोमवार को राज्‍य के कई हिस्सों में लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। हिंसा को देखते हुए माना जा रहा है कि केंद्र से फोर्स भेजने की मांग की जा सकती है। तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन का केंद्र बने मरीना बीच समेत राज्यभर में विभिन्न प्रदर्शन स्थलों से सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को सोमवार को खदेड़ना शुरू कर दिया। कुछ जगहों पर पथराव करने, आगजनी और लाठीचार्ज करने की भी रिपोर्टें हैं।
जलीकट्टू के समर्थन में आंदोलन धीरे-धीरे उग्र होता जा रहा है। पुलिस द्वारा जबरन हटाए जाने के बाद मदुरै के अलंगनल्लूर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ। चेन्नई में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने के बाहर गाड़ियों में आग लगा दी। इस संघर्ष में 20 पुलिसवाले घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों पर पत्थरबाजी भी की। पुलिस के बल प्रयोग से 80 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं। हिंसा को देखते हुए चेन्नई में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। केंद्र तमिलनाडु के हालातों पर नजर बनाए हुए है, अगर जरूरत होती है तो वहां सेंट्रल फोर्स भी भेजी जा सकती है।
 
मरीन बीच : तमिलनाडु में जलीकट्टू पर लगी रोक हटाने के लिए अध्यादेश लाने के बाद भी लोगों का प्रदर्शन जारी है। चेन्नई के मरीना बीच पर पिछले 6-7 दिनों से जुटे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने सोमवार सुबह वहां से जबरन हटा दिया। पुलिस ने पहले उन्हें प्रदर्शन खत्म करने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं मानें, तो पुलिस को बल का इस्तेमाल करना पड़ा। लाठीचार्ज में काई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं। पुलिसकर्मी यहां जब इन प्रदर्शनकारियों को हटा रहे थे, तब वे लोग राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' गाने लगे। लाठीचार्ज के बाद पूरा इलाका खाली करा लिया गया है। चेन्नई के अलावा मदुरै, कोयंबटूर और त्रिची से भी प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया जा रहा है जिसके चलते राज्यभर में हिंसक प्रदर्शन शुरू होने लगे।
 
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को उनका मकसद पूरा होने के कारण उनके 'अनुशासित और शांतिपूर्ण' प्रदर्शन को खत्म करने के लिए परामर्श दिया था जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। मीडिया में जारी परामर्श में कहा गया है कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को आयोजित कराए जाने पर प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर हजारों युवा, छात्र और आम लोग 17 जनवरी से मरीना में प्रदर्शन कर रहे हैं। यह लोग आम जनता को किसी तरह की असुविधा के बिना और यातायात को बाधा पहुंचाये बिना अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
चेन्नई में आगजनी : चेन्‍नई में आज कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। चेन्‍नई के अलावा कोयंबटूर, अलंगनल्‍लूर, थामकुम में भी प्रदर्शन जारी है। जानकारी के अनुसार, चेन्‍नई में कई जगहों पर आगजनी की गई। मरीना बीच के निकट थाने के वाहनों में भी आग लगाई गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
 
कोयम्बटूर में भी प्रदर्शन : कोयम्बटूर में भी छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों को वीओसी पार्क ग्राउंड से जबरन हटाया गया। वे पिछले छह दिनों से यहां प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें उठाकर मैदान से बाहर भेज दिया लेकिन इसके तुरंत बाद वे वहीं लौट आये। जब पुलिस छात्रों को उठा रही थी तो वे 'वंदे मातरम्' के नारे लगा रहे थे।
 
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा ने राज्यपाल के पारंपरिक संबोधन के बाद आज ही इस मामले पर चर्चा होनी है। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर लोग छात्र और युवा हैं। प्रदर्शनकारी शनिवार को लाए गए अध्यादेश को एक अस्थायी उपाय बताते हुए जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक 'स्थायी समाधान' की मांग कर रहे हैं।
 
जल्लीकट्टू का आयोजन, तीन की मौत : रविवार को तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में जलीकट्टू का आयोजन किया गया। इस दौरान पुडुकोट्टई में दो लोगों की खेल में भाग लेते हुए और मदुरै में एक व्यक्ति की विरोध प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए। मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम मदुरै के आलंगनल्लूर में जल्लीकट्टू के खेल कार्यक्रम का उद्घाटन किए बगैर ही लौट गए क्योंकि प्रदर्शनकारी इस मुद्दे के स्थायी समाधान की मांग कर रहे थे।
 
उल्लेखनीय है कि इस पारंपरिक खेल पर पिछले तीन साल से बैन लगा हुआ था। हालांकि लोगों की भावना को देखते हुए तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने शनिवार को जलीकट्टू पर अध्यादेश को मंजूरी देते हुए अंतत: बैन हटा लिया गया।

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