हो गया साफ, महबूबा भाजपा से नाता तोड़ेंगी!

सुरेश एस डुग्गर

शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016 (21:36 IST)
श्रीनगर। आतंकवादग्रस्त जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर सियासी रस्साकस्सी के बीच पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ सकती हैं। शुक्रवार को उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि अगर केंद्र सरकार गठबंधन पर विश्वास बहाली के उपायों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है कि राज्य में भाजपा से पीडीपी का नाता टूट सकता है। नतीजतन जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर सस्पेंस गहरा रहा है। 
पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह साफ किया कि अगर उन्हें पार्टी के उसूलो या कुर्सी में से कोई एक चुनना पड़े तो वो उसूल ही चुनेगी। अर्थात वे राज्य में सरकार नहीं बनाएंगी और अगर ऐसा होता है तो राज्यपाल के पास विधानसभा भंग करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचता है।
 
इस बयान से जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर लग रही अटकलों पर फिलहाल विराम लगा गया है। पिछले तीन दिनों से जम्मू में लगातार अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात कर रहीं महबूबा मुफ्ती आज अपने भाई तस्सदुक मुफ्ती के साथ पहली बार यहां अपने पार्टी मुख्यालय पहुंची थीं।
 
पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक में महबूबा ने कहा कि नए उपाय इसलिए किए जा रहे हैं कि नई सरकार के सामने एक सकारात्मक माहौल बनाया जा सके लेकिन इसका अर्थ यह नहीं समझना चाहिए कि यह ब्लैकमेल की रणनीति है।
महबूबा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप हवा में सरकार नहीं बना सकते। 
 
मुद्दा यह है कि नई सरकार के लिए हम कैसे अनुकूल माहौल बनाए ताकि जब नई सरकार का गठन हो तो यह लोगों के बीच सद्भावना पैदा करे और इसके लिए जरूरी है कि आप सरकार का समर्थन करें। अगर हम इसे पा लेते हैं तो अच्छी बात है और अगर ऐसा नहीं भी कर पाते हैं तो हम वही करेंगे जो हम अब तक करते आए हैं।
 
पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने यह साफ किया कि उनके दिवंगत पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद के आदर्श, उसूल और राजनीतिक दृष्टि के साथ साथ पीडीपी और पीडीपी कार्यकर्ता उनकी विरासत है। महबूबा ने कहा कि मेरे पिता के 55 साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने अधिकांश समय विपक्ष में गुजारा और वो हमेशा से ही विपक्ष को जरूरी समझते थे। मेरे पिता ने विपक्ष में रहकर जितना नाम कमाया और राजनीतिक ऊंचाइयां को छुआ उतना शायद ही कोई नेता विपक्ष में रहकर कर सकता है।
 
अपने पिता के देहांत को एक बड़ा नुक्सान बताते हुए महबूबा ने कहा कि उनकी मौत के बाद अब यह समय उनकी परीक्षा का है। जम्मू कश्मीर में सरकार बनने के लिए हमें कुछ आश्वासन चाहिये और सरकार हमेशा साख पर बनती है।
भाजपा और पीडीपी के बीच किसी पैकेज की लड़ाई को लेकर उठ रही खबरों पर विराम लगाते हुए हुए उन्होंने कहा कि पैसे का चक्कर नहीं है, यह सही नहीं है। पैसा कब आया और कितना आया यह भी मामला नहीं है। जम्मू कश्मीर में एक माहौल बनाने के लिए और आगे बढ़ने के लिए कुछ आश्वासनों की जरुरत है।
 
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद के निधन के बाद से ही राज्य में सरकार निर्माण को लेकर पीडीपी-भाजपा गठबंधन में नए सिरे से खींचतान शुरू हो गई है। राज्य में फिलहाल राज्यपाल शासन लागू है। विपक्षी दल के तौर पर नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पीडीपी-भाजपा पर लगातार सरकार निर्माण को लेकर दबाव बना रही है, वहीं महबूबा मुफ्ती गठबंधन की सरकार को आगे बढ़ाने से पहले नेशनल पावर प्रोजेक्ट्स को राज्य सरकार को सौंपने और कई अन्य पैकेज को लेकर केंद्र से ठोस आश्वासन चाहती हैं। और महबूबा विश्वास बहाली के जिन उपायों की बात कर रही हैं उनमें पाकिस्तान और अलगावावादियों के साथ शांति वार्ता भी शामिल है।
 

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