श्रीनगर। अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र के उप चुनावों को रद्द करने की खबर ने उस कहावत को चरितार्थ किया है जिसमें कहा जाता है कि ‘न ही नौ मन तेल होगा और न ही राधा नाचेगी’। यह सच है अब राधा नहीं नाचेगी क्योंकि केंद्र सरकार ने नौ मन तेल अर्थात 74000 सुरक्षाकर्मी देने से इंकार कर दिया तो चुनाव आयोग ने मतदान को ही रद्द करने की घोषणा कर दी। दरअसल कोई भी इतने सुरक्षाकर्मियों की मांग को पचा नहीं पा रहा था और चुनाव आयोग की मांग से यह स्पष्ट होता था कि वाकई में अनंतनाग में हालात बहुत ज्यादा खराब हैं।
वैसे भी पिछले कुछ हफ्तों से कश्मीर में तेज हुई हिंसा के पीछे का मकसद लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नेस्तनाबूद करके दुनिया को यह संदेश देना था कि कश्मीर अभी भी अशांत है और कश्मीरी नागरिक भारतीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते हैं। ऐसे में यह आशंका प्रकट की जा रही थी कि 25 मई तक कश्मीर उबाल पर ही रहेगा, जब अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र के लिए उप-चुनाव होना था। अब हिंसा में कमी आने की उम्मीद सरकार को तो है पर आम नागरिकों को नहीं।
निर्वाचन आयोग ने सोमवार रात को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में लोकसभा उपचुनाव रद्द कर दिए। यह उप चुनाव 25 मई को होना था। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, आयोग की चुनाव समिति ने आधीरात को एक अधिसूचना जारी कर 25 मई को होने वाला उपचुनाव रद्द करने का फैसला किया।
सूत्रों के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव के लिए अर्धसैनिक बलों की लगभग 740 कंपनियों की तैनाती की मांग की थी। हालांकि, गृह मंत्रालय ने कहा था कि वह अर्धसैनिक बलों की सिर्फ 300 कंपनियां ही मुहैया करा सकता है। एक कंपनी में आमतौर पर लगभग 100 जवान होते हैं। राज्य सरकार ने इससे पहले घाटी में कानून एवं व्यवस्था के मद्देनजर उपचुनाव रद्द करने की मांग की थी।
गत 9 अप्रैल को श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनाव के दौरान बडगाम जिले में 9 युवक उस समय मारे गए जब सुरक्षाबलों ने एक मतदान केंद्र पर हमला करने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाई।
अधिकारियों ने बताया कि बडगाम जिले में चरार ए शरीफ के नजदीक पाखरपुरा में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने एक मतदान केंद्र पर धावा बोल दिया और इमारत में तोड़फोड़ की। सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए चेतावनी के रूप में गोली चलाई, लेकिन भीड़ पर कोई असर नहीं हुआ।
प्रशासन ने रविवार को श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के मद्देनजर श्रीनगर, बडगाम और गंदरबल तीनों जिलों में इटंरनेट सेवाएं बंद कर दी है। इन तीनों जिलों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी बंद कर दी गई है। सूत्रों ने बताया कि चुनावों के दौरान अलगाववादियों द्वारा किसी तरह की अफवाह फैलाने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।