उल्लेखनीय है कि जयललिता को निधन के बाद द्रविड़ परंपरा के अनुसार दफनाया गया क्योंकि द्रविड़ आंदोलन की पहचान नास्तिकता थी और दफनाए गए ज्यादातर नेता मसलर अन्ना दुराई और एमजीआर आदि घोषित तौर पर नास्तिक थे। कहा जाता है कि जयललिता नास्तिक नहीं थी और हिंदू रीति-रिवाजों को मानती थीं।