पीठ ने कहा कि हम 2 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलते हैं। निचली अदालत ने वर्ष 2016 में रवि कपूर और अमित शुक्ला को आईटी एग्जीक्यूटिव की हत्या तथा अन्य अपराधों में मौत की सजा सुनाई थी जबकि तीसरे दोषी बलजीत मलिक को जेल में उसके अच्छे आचरण के कारण मौत की सजा नहीं दी थी और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।